असम के धुबरी जिले में सांप्रदायिक तनाव के चलते मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को शूट एट साइट यानी देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल, बांग्लादेशी सीमा से सटे इलाके में एक सूह ने भड़काऊ पोस्टर लगाए थे और धार्मिक स्थलों के पास गोमांस के टुकड़े भी पाए गए थे।
इस घटना के बाद से ही क्षेत्र में माहौल गरमाया हुआ है। इस दौरान हालात को काबू में करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स यानि आरएफ और सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है।
हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री हिमंता बिसवा सरमा ने खुद यह जानकारी दी कि धुबरी में हनुमान मंदिर के पास गोमांस के टुकड़े फेंके गए और इस मामले में कार्रवाई करते हुए 38 लोगोंकी गिरफ्तारी की गई।
धार्मिक स्थल के पास मिला गोमांस
हिमंता बिस्वा सरमा के अनुसार, नबीन बांग्ला नामक एक समूह ने धुबरी को बांग्लादेश में मिलाने की माँग करते हुए भड़काऊ पोस्टर लगाए। यह कार्य ‘सांप्रदायिक उकसावे’ के रूप में देखा गया है।
ईद के अगले दिन, हनुमान मंदिर के सामने एक गाय का कटा हुआ सर मिला था, जिसके बाद शहर में तनाव बढ़ गया। रात में पथराव की घटनाएँ भी हुईं। मुख्यमंत्री ने इसे ‘गंदे हथकंडों से माहौल बिगाड़ने’ की साजिश बताया।
जरूरत पड़ी तो खुद करुंगा पहरेदारी: सीएम
सीएम सरमा खुद शुक्रवार (13 जून 2025) को धुबरी पहुँचे और कहा, “जो कोई भी धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुँचाएगा या पथराव करेगा, उसे तुरंत गोली मारी जाएगी।”
सीएम सरमा ने घोषणा की कि वे अगले साल (2026) ईद पर खुद धुबरी में रहेंगे और ज़रूरत पड़ी तो मंदिर की पहरेदारी भी करेंगे।
क्यों है धुबरी संवेदनशील?
धुबरी जिला असम का मुस्लिम-बहुल इलाका है, जहाँ लगभग 90% आबादी मुस्लिम है। बांग्लादेश की सीमा से सटा होने के कारण लंबे समय से यह इलाका अवैध घुसपैठ, पहचान और राजनीतिक विवादों का केंद्र रहा है।
सरमा ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि जो भी सांप्रदायिकता फैलाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।
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