adplus-dvertising
Headlines

खेल निदेशक ने मनमाने ढंग से चुनाव को रद्द किया है-यूपीएए

कानपुर। उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन (यूपीएए) के चुनाव को रद्द किये जाने पर पदाधिकारियों ने गहरी आपत्ति दर्ज की है। आज एक प्रेस वार्ता में यूपीएए के सचिव दिवेश व्दिवेदी व सीईओ समेत अन्य पदाधिकारियों ने खेल निदेशक के इस फैसले को मनमाना व पूरी तरह से गलत बताया।
यूपीएए के सचिव ने बताया कि 21 मई को द स्पोर्ट्ज हब में अपनी जनरल काउंसिल की बैठक बुलाई थी। इसी दिन यूपीएए के चुनाव हुए थे। ये चुनाव एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) और यूपीएए द्वारा बनाये गये नियमों और विनियमों के अनुसार आयोजित किए गए थे। यूपीएए के ततकालीन अध्यक्ष की सहमति लिखित में ली गई थी और इस संबंध में सभी हितधारकों को सभी माध्यमों से पहले ही नोटिस भेज दिया गया था।
इन चुनावों के लिए रिटर्निंग ऑफिसर श्री राम कैलाष जी (सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश) थे और एएफआई के दो पर्यवेक्षकों और उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) और यूपी खेल निदेशालय के एक-एक पर्यवेक्षक तथा सभी इकाइयों (जिला एथलेटिक्स संघ एवं इकाइयों) के साथ-साथ पूरा सदन उपस्थित था।
चुनाव को पूरी प्रक्रिया को सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड किया गया है ताकि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड रखा जा सके और किसी भी विवाद की स्थिति में दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध हो सकें। यह सभी चारों पर्यवेक्षकों और रिटर्निंग ऑफीसर की विधिवत दर्ज की गई उपस्थिति और हस्ताक्षर के अतिरिक्त किया गया था। इन चुनावों के रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा घोशित परिणामों के अनुसार श्री आषुतोश भल्ला को यूपीएए का अध्यक्ष, डॉ. देवेष दुबे को सचिव (संबद्ध इकाइयों के कुल 61 वोटों के मुकाबले 45 वोटों से जीत), श्री नीरज कुमार को कोशाध्यक्ष तथा अन्य सभी को कार्यकारी समिति का सदस्य घोशित किया गया।
परिणामस्वरुप, कुछ दिनों के बाद यूपीएए को सोसाइटी के उप रजिस्ट्रार लखनऊ से एक पत्र मिला जिसके माध्यम से उन्होंने यूपीओए के सचिव श्री आनंदष्वर पांडे की एक लिखित षिकायत भेजी जिसमें आरोप लगाया गया कि चूनाव उचित तरीके से नहीें कराए गए थे। श्री पांडे ने डॉ. बाबादीन चौधरी सचिव डीएए सुल्तानपुर श्री अजय त्रिपाठी अध्यक्ष डीएए कुषीनगर और श्री बी राम वरूण सचिव लखनऊ डीएए से प्राप्त कुछ लिखित षिकायतों के आधार पर आरोप लगाया। यह एक तथ्य है कि श्री आनंदेष्वर पांडे लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित इस चुनाव की पूरी प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से उपलब्ध थे और उनके पास उस समय कहने या आरोप लगाने के लिए कुछ भी नहीें था और बाद में उन्होंने इन तीन डीएए को उप रजिस्ट्रार, सोसाइटी को लिखने के लिए उकसाना पसंद किया। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को पूर्ण जवाब रजिस्ट्रार, सोसाएटी को लिखने को भेजा गया था जो सभी दस्तावेजी और पर्याप्त सबूतों के साथ 30 जून 2023 को उनके कार्यालय को प्राप्त हुआ था। हमें तब से हमारी तथ्यात्मक प्रतिक्रिया के संबंध में डिप्टी रजिस्ट्रार, सोसाइटी से कोई जवाब नहीं मिला है और लगभग ढाई माह बीत जाने के बाद यह माना जाना चाहिए कि वे चुनावी प्रक्रिया से पूरी तरह संतुश्ट हैं। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि षिकायतकर्ताओं में से एक श्री बाबादीन चौधरी ने पहले ही लिखित रूप् से कबूल कर लिया है और चुनाव प्रक्रिया पर अपनी षिकायत/आरोप वापस ले लिया। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस दोनों षिकायतकर्ताओं ने भी चुनाव लड़ा था और सदन के सदस्यों द्वारा निर्वाचित नहीें हुए थे।
शिकायतकर्ताओं और श्री आनंदेष्वर पांडे यहीं नहीं रुके। उन्होंने यूपी खेल निदेषालय (यूपीएसडी) से संपर्क किया जिसने 6 सितम्बर 2023 को अपने पत्र के के जरिए हमें सूचित किया कि चुनाव रद्द कर दिए गए हैं और यूपीएए को एक बार फिर से चुनाव कराने होंगे। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है और हम सभी दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के साथ यपीएसडी को लिखेगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *