आज के दौर में किसी को लेटर या पोस्टकार्ड भेजना शायद कोई आम बात नहीं होगी,लेकिन सालों पहले यह कम्युनिकेश के सबसे प्रमुख तरीकों में से एक था दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग एक-दूसरे को चिट्ठियां भेजते थे कभी-कभी, उन्हें समय पर डिलीवरी मिल जाती थी तो कभी देरी भी हो जाती थी। लेकिन कितनी देर? क्या किसी खत को सही पते पर पहुंचने में 80 साल लग सकते हैं? दरअसल, हाल में अमेरिका के डिकाल्ब में ऐसा ही मामला सामने आया है।
80 साल बाद मिला खत
1943 में इलिनोइस के एक कपल को भेजा गया लेटर 80 साल बाद एक डाकघर में मिला और परिवार के एक सदस्य को सौंप दिया गया. ये लेटर लुईस और लावेना जॉर्ज के लिए था. जब ये अचानक पोस्ट ऑफिस में पड़ा मिला तो वहां के एक कर्मचारी ने जॉर्ज परिवार को ढूंढने का फैसला किया आखिरकार उसने ये लेटर पोर्टलैंड, ओरेगॉन में रहने वाली जॉर्ज परिवार की एक रिश्तेदार ग्रेस सालाज़ार को दिया।