मध्य प्रदेश में अंधविश्वास के चक्कर में 3 महीने की बच्ची की मौत का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है.अब बच्ची के दफन शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
बच्ची के मर्ज की दवा थी गर्म सलाखें
कथित तौर पर अंधविश्वास के फेर में बीमार दुधमुंही 3 माह की बच्ची को गर्म सलाखों से कई बार दागा गया था, जिससे बच्ची की हालत और बिगड़ती चली गई और उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. ये मामला सिंहपुर थाना के कठौतिया का बताया जा रहा है. बीते दिन ही ये खबर सामने आई थी. अब इस मामले में ये और मालूम हुआ है कि अक्तूबर से ही गांव में कोई एएनएम नहीं थी, जो वहां पदस्थ थी उसका तबादला कर दिया गया था इस वजह से बच्ची को टीका नहीं लगा था.
कलेक्टर ने दी सफ़ाई
शहडोल जिले के सिंहपुर कठौतिया की 3 महीने की बच्ची को निमोनिया की वजह से सांस लेने में दिक्कत थी. अंधविश्वास की वजह से परिजन उसे किसी झोलाछाप के पास इलाज कराने ले गए. उसके पास बच्ची की मर्ज की दवा थी गर्म सलाखें. बच्ची को एक बार या दो बार नहीं, बल्कि 51 बार दागा गया. इससे बच्ची की तबीयत बिगड़ गई. ऐसे में परिवार के लोग उसे शहडोल मेडिकल कॉलेज में लेकर गए. लेकिन बच्ची को नहीं बचाया जा सका. शहडोल की कलेक्टर वंदना वैद्य बताती हैं, ‘बच्ची की मां को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दो बार समझाया था कि बच्ची को दागना मत. उसके बावजूद दागा गया. जब महिला बाल विकास के अधिकारी अस्पताल गये, तो पता लगा कि ये घटना 15 दिन पुरानी थी. निमोनिया बढ़ गया था. संक्रमण बढ़ने के कारण मासूम की मौत हो गई.