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सैया भये कोतवाल-अब डर काहे का,महिला चिकित्सक की मनमानी कर रही कहावत को सच

सैया भये कोतवाल,अब डर काहे का। यह कहावत उधम सिंह नगर में सही साबित हो रही है, जहां सरकारी अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक अपने अधिकारी पति और अपनी सरकारी नौकरी का गलत फायदा उठा रही है। मामला भी ऐसा है जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। जहां लोगों को उपचार के नाम पर महिला चिकित्सक द्वारा गलत जानकारी देकर उन्हें गुमराह करने का काम किया जा रहा है। जिससे आशा वर्कर्स और मरीजों में खासा आक्रोश बना हुआ है।

मामला उधम सिंह नगर के बाजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां आशा वर्कर्स ने महिला चिकित्सक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान आशा वर्कर्स ने महिला चिकित्सक पर मरीज को उपचार के नाम पर गलत जानकारी देने और आशा वर्कर्स से अभद्रता करने का आरोप लगाया है। यह कोई पहली बार नही हुआ, इससे पहले भी कई बार महिला चिकित्सक पर अभद्रता करने और गलत जानकारी देने के आरोप लग चुके है,सूत्रों की मानें तो महिला चिकित्सक का पति स्वास्थ्य केंद्र में उच्च अधिकारी होने के कारण महिला चिकित्सक पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। बता दें कि बाजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा वर्कर्स एकत्र हुई, जहां आशा वर्कर्स ने स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महिला चिकित्सक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आशा वर्कर्स और मरीजों के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया। साथ ही आशा वर्कर्स ने महिला चिकित्साक पर 4 माह की गर्भवती महिला को उसका बच्चा गर्भ में खत्म होने की बात कहे जाने का भी आरोप लगाया है। जिससे आशा वर्कर्स, पीड़ित गर्भवती महिला और महिला के परिजनों में आक्रोश बना हुआ है,

वहीं इसी के चलते आशा वर्कर्स ने सीएमएस डॉ पंकज माथुर का घेराव किया। इस दौरान ग्राम लखनपुर खमरिया निवासी गर्भवती महिला के पति दीप कुमार ने बताया कि 29 सितंबर को स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक के पास उसकी पत्नी उपचार के लिए आई थी। लेकिन महिला चिकित्सक द्वारा उसकी पत्नी को पेट में बच्चा खत्म होने की बात कही गई। जिससे उसे और उसके परिजनों को बड़ा झटका लगा।लेकिन जब उसके द्वारा अल्ट्रासाउंड कराया गया तो रिपोर्ट में सब सही पाया गया। आशा वर्कर कुलविंदर कौर ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक का आशाओं के प्रति व्यवहार सही नहीं है और आए दिन आशा वर्कर्स और मरीजों के साथ अभद्रता करती हैं। जिससे समस्त आशा कार्यत्रियों में आक्रोश बना हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि आशा वर्कर्स पर निजी अस्पतालो से कमीशन का आरोप लगाया जाता है, लेकिन महिला चिकित्सक द्वारा खुद निजी अस्पताल से कमीशन लिया जाता है। वही उधम सिंह नगर के सीएमओ डॉक्टर मनोज शर्मा ने कहा कि मामला संज्ञान में लाया गया है, जिसमे जांच कराई जाएगी, जिसके बाद कार्यवाही की जाएगी।

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