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नदी के तेज़ बहाव मे बह गई अंत्येष्टि स्थल पर रेत के कट्टो से बनी पीचिंग,ग्रामीण वर्षो से कर रहे पत्थर की पिचिंग बनवाने की मांग

रिपोर्टर-आकाश विश्नोई

ठाकुरद्वारा।सुरजननगर मे मुरादाबाद व बिजनोर सीमा पर श्री-श्री 108 नलो वाले बाबा जी के थले के पास फीका नदी के पुल के किनारे अंत्येष्टि स्थल बना हुआ है, जिसमें सुरजन नगर,रामपुर घोघर,जयनगर कनकपुर, दुल्लापुर पट्टी चौहान, जटपुरा,महावतपुर, आनंदीपुर आदि गांव के व्यक्ति अंतिम संस्कार करने आते है।2 वर्ष पूर्व फीका नदी में तेज़ गति से आए पानी की कटान से अंत्येष्टि स्थल का गेट गिरकर फीका नदी में समा गया था तब फीका नदी के कटान को रोकने के लिए ग्रामीणों ने बाढ़ खंड विभाग और जनप्रतिनिधियों से पत्थर की पीचिंग बनवाने की मांग की थी। ग्रामीणों की मांग पर बाल खंड विभाग या जनप्रतिनिधि कोई भी पत्थर की पीचिंग नहीं बनवा पाया। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने अंत्येष्टि स्थल का कटान रोकने के लिए रेत के कट्टो की पीचिंग बनवाई थी। रेत के कट्टो की पीचिंग में पिछले वर्ष वर्षा कम होने के कारण फिका नदी में पानी कम आया। तो भी पीचिंग क्षतिग्रस्त होने लगी थी। इस वर्ष वर्षा ऋतु के शुरू होते ही अधिक वर्षा के कारण फीका नदी में कई बार तेज़ गति से पानी आया और श्मशान घाट के किनारे बनी रेत के कट्टो की पीचिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया।

शुक्रवार-शनिवार में फीका नदी में आए तेज़ पानी से पीचिंग के कट्टे नदी में बह गए जब इसकी सूचना ग्रामीणों को मिली तो ग्रामीण अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचकर रोष व्याप्त किया,उन्होंने पुलिस चौकी सुरजननगर के माध्यम से डीएम को ज्ञापन देकर पत्थर की पीचिंग बनवाने की मांग की है।ग्रामीण सुबोध कुमार, बृजेश कुमार, जितेंद्र कुमार, सागर सिंह, अरविंद कुमार रूप सिंह, सुशील कुमार शिवम बिश्नोई राहुल मनोज कुमार महिंदर कलवा रवि प्रदीप सुमित रोहतास मुकेश आदि ग्रामीणों का कहना है की शमशान स्थल पर पत्थर की पीचिंग नहीं बनी तो अंत्येष्टि स्थल फीका नदी की तेज बहाव में इस तरह वह जाएगा जैसे बस 2012 में ग्राम रामपुर घोगर की 35 घर बह गई थी।

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