पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज एसवाईएल के मुद्दे पर आगामी एक नवंबर को होने वाली बहस से विपक्षी नेताओं द्वारा भाग जाने की आलोचना करते हुए कहा कि वास्तव में इन नेताओं को अपने गुनाहों से पर्दा उठ जाने का डर सता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पार्टियों के नेताओं की राज्य को बर्बाद करने वाले लोगों के साथ सांठ-गांठ थी जिस कारण वक एक नवंबर की बहस में आने से बच रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहस पंजाब को किसने और कैसे लूटा, इस बात पर केंद्रित होगी, जिसमें भाई-भतीजा, जीजा-साला, पक्षपात, टोल प्लाज़ा, नौजवानों, कृषि, व्यापार-दुकानदार, गुरबाणी और नदियों के पानी पर डाका डालने समेत राज्य से सम्बन्धित मसलों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने सभी मसलों पर पंजाब के साथ धोखा किया है जिसके लिए उन्हें लोगों के समक्ष जवाबदेह बनाया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये नेता आएं या न आएं, परन्तु वह बहस के लिए इन नेताओं की कुर्सियां लगाकर रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के समय लोग कामयाब होने से भी भयभीत हो जाते थे क्योंकि ये नेता लोगों के कारोबार में जबरन हिस्सा डाल लेते थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी कारण ये नेता सच का सामना करने से डरते हैं और बहस में न आने के लिए बहाने बना रहे हैं।