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पहली बार आदिवासी पति-पत्नी बने असिस्टेंट प्रोफ़ेसर

नई दिल्ली।आदिवासी भील समाज में पहली बार यह मौका आया है कि एक साथ पति व पत्नी ने असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर समाज का गौरव बढ़ाया है।असिस्टेंट प्रोफेसर बनने वाले पति-पत्नी रमिला व जसवंत दोनों ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। रमिला के माता-पिता ने निरक्षर होने के बावजूद कर्ज लेकर अपने बच्चों को पढ़ाया. रमिला बेन मूल रूप से चौहटन के बिंजासर गांव से आती है। वहीं जसवंत राजस्थान के डीसा तहसील क्षेत्र के निवासी हैं। दोनों की पांच साल पहले सगाई हुई थी और छह माह पहले ही शादी हुई. रमिला को असिस्टेंट प्रोफेसर पीजी कॉलेज पाटन व जसवंत को असिस्टेंट प्रोफेसर पीजी कॉलेज राधनपुर में नियुक्ति प्राप्त हुई है।

पिता करते है मार्बल फैक्ट्री में मजदूरी

रमीला ने एक पत्रकार से बातचीत के दौरान बताया कि उसके पिता गुजरात में मार्बल फैक्ट्री में मजदूरी करते है। “मेरे पिता परिवार के अकेले कमाने वाले व्यक्ति हैं और कम आय के बावजूद उन्होंने हमें कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी। पैसे की कमी की वजह से कर्ज लेकर मुझे पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए।” रमिला ने भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने पर प्रोफेसर बनने की मन में ठान ली। बी कॉम व एमकॉम करने के बाद नेट पास किया। माता पिता व ससुराल वालों के सहयोग और स्वयं की कड़ी मेहनत से असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर उसका चयन हो गया.

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