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रामायण,महाभारत पढ़ाने के प्रस्‍ताव पर स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने की टिप्‍पणी

अपनी विवादित टिप्‍पणियों के जरिए लगातार चर्चा में बने हुए सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बोल फिर सामने आए हैं। इस बार उन्‍होंने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एनसीईआरटी के उस प्रस्ताव पर टिप्पणी की है। जिसमें स्कूलों में रामायण-श्रीमद्भागवत पढ़ाने की बात है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने यहां तक कह दिया कि क्या एनसीईआरटी और सरकार, रामायण और महाभारत को पाठयक्रम में शामिल कर सीता, शूर्पणखा और द्रोपदी जैसी महान देवियों को क्रमशः अग्नि परीक्षा के बाद भी परित्याग, वैवाहिक प्रस्ताव पर नाक-कान काटने की त्रासदी और द्रोपदी जैसी अन्य तमाम देवियों के चीरहरण को बढ़ावा देना चाहती है?

स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने एक्‍स पर लिखा, ‘यद्यपि कि आज वैसे ही बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा व महिला उत्पीड़न की घटनायें हो रही हैं। कहीं दलित, आदिवासी, पिछड़े समाज के लोगों पर पेशाब करना व मल-मूत्र का लेपन करना, समय सेफीस न जमा करने पर बच्चों की पिटाई कर मौत की नींद सुला देना, कहीं महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार की घटना के बाद हत्या कर लाश को टुकड़े-टुकड़े कर देना, कालेज व विश्वविद्यालय परिसर में भी यदा-कदा छात्रायें अपमानित होने के फलस्वरूप आत्महत्या करने के लिए मजबूर होने की घटनायें प्रकाश में आती रहती हैं।

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