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किसमें कितना है दम ग्रैंड फिनाले TV शो मे एकम सिंह संधू ने ट्रॉफी हांसिल कर लहराया उत्तराखंड का परचम

हमारे देश में लोगों के अंदर टैलेंट की कोई कमी नहीं है, अक्सर देखा जाता है कि किसी न किसी अभाव के कारण उन्हें गुमनामी में जीना पड़ता है या फिर कोई उनके टैलेंट को पहचान ही नहीं पाता, और जब किसी के टैलेंट को पहचान कर उसे तराशा दिया जाता है तो वह अपने नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करा देता है अपने परिवार अपने आस-पड़ोस के साथ-साथ देश का गौरव भी बढ़ाता है इतिहास में ऐसे काफी टैलेंटेड लोगों के नाम दर्ज हैं, ऐसे ही टैलेंटेड लोगो में एक है।

उत्तराखण्ड के रामनगर के एकम सिंह संधू जिनका नाम इतिहास में तो दर्ज नहीं हुआ, लेकिन अपनी प्रतिभा और टैलेंट के दम पर लोगों के दिल जीते और कहीं खिताब अपने नाम कर लिए, हाल ही में 26 तारीख को पंजाब में
किसमें कितना है दम ग्रैंड फिनाले टीवी शो आयोजन किया गया था इस शो में अपने टैलेंट हुनर के दम पर एकम सिंह संधू ने जूनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार हासिल कर उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया।

एकम सिंह संधू उत्तराखंड के रामनगर में नन्हे डांसर के नाम से काफी चर्चित है जिन्होंने कम उम्र में ही अपनी फ्रेंड फॉलोइंग काफी बड़ा रखी है, कुदरत की तरफ से मिला टैलेंट और मां-बाप की मेहनत एकम सिंह संधू की निखारने में लगे हैं ।

एकम सिंह संधू ने सिर्फ डांस में ही नहीं बल्कि मॉडलिंग में भी कई किताब अपने नाम की है लेकिन डांस के प्रति एकम सिंह संधू ज्यादा रुचि रखते हैं इसलिए मां-बाप ने एकम सिंह संधू का डांस की और ही ज्यादा फोकस करना शुरू कर दिया।

एकम सिंह संधू उत्तराखंड स्तर पर कई खिताब अपने नाम भी कर चुके हैं, एकम सिंह संधू के इस छुपे हुए टैलेंट को पहचानने में सबसे बड़ा योगदान एकम सिंह संधू के मां लवजीत कौर संधू का रहा , लवजीत कौर संधू जब भी ध्यान एकम सिंह संधू पर जाता वो कुछ ना कुछ डांस के रूप में करता हुआ दिखाई देता जिसको लेकर एकम सिंह संधू की मां लवजीत कौर संधू ने उसके टैलेंट को निकालने के लिए डांस एकेडमी ज्वाइन करवा दी। जिसके बाद एकम सिंह संधू ने अपने डांस के बल पर लोगों के दिलों पर राज करना शुरू कर दिया एक के बाद एक प्रतियोगिताओं में खिताब जीतने शुरू कर दिए और मेडल लाकर रामनगर का गौरव बढ़ाया है।

एकम सिंह संधू के पिता गुरदेव सिंह संधू भी अपने पुत्र के सपनों को साकार करने के लिए दिन रात मेहनत करने में लगे रहते है, और उनकी हर जरूरत को पूरा करने के प्रयास में जुटे रहते हैं भले ही है एकम सिंह संधू अभी 13 वर्ष की हुए हैं लेकिन इस छोटी सी उम्र में जो मुकाम उन्होंने हासिल कर दिया वह मुकाम शायद जी कोई हासिल कर पाए।

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