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अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी अभियान के लिए पंजाब पुलिस को करानी पड़ी राज्य में नेट सेवाए बन्द

‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए रविवार को दूसरे दिन भी बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने शनिवार रात मीडिया को बताया कि अमृतपाल सिंह को ‘भगोड़ा’ घोषित किया गया है.

पुलिस का तलाशी अभियान अब मुख्य रूप से जालंधर जिले पर केंद्रित है, जहां से वह पुलिस को उस समय चकमा देने में कामयाब रहा, जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके वाहन को रोकने की कोशिश की.

राज्य के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है, पुलिस ने राज्य में सुरक्षा भी बढ़ा दी है। साथ ही पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर सभी वाहनों की चेकिंग की जा रही है.

पुलिस आयुक्त चहल ने कहा कि अमृतपाल के छह सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा, अमृतपाल सिंह की तलाश जारी है और हमें उम्मीद है कि उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

खालिस्तान समर्थक उग्र प्रचारक और स्वयंभू उपदेशक तीस वर्षीय अमृतपाल सिंह के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के दो सहित तीन मामले लंबित हैं.

अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने मीडिया से कहा कि पुलिस को घर से निकलने से पहले ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लेना चाहिए था. हमें उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने हमारे आवास की 3-4 घंटे तक तलाशी ली.

जालंधर जिले के नकोदर के गांवों में रात भर घर-घर तलाशी अभियान चलाया गया. केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तलाशी अभियान में लगाया गया है. इस बीच एहतियात के तौर पर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

तरसेम सिंह ने पुलिस कार्रवाई को अनुचित बताया और कहा कि उनका बेटा युवाओं को ड्रग्स से दूर कर रहा है. उन्होंने कहा, पुलिस अपराधियों और ड्रग्स में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

23 फरवरी को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में एक सशस्त्र भीड़ पुलिस से भिड़ गई थी और अमृतसर के पास एक पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कर अपने एक साथी को रिहा करने की मांग की, जिसे अपहरण के एक मामले में हिरासत में लिया गया था, इस दौरान हुए संघर्ष में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए.

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