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कानपुर माँ-बेटी की मौत के मामले में SDM सहित 39 पर मुक़दमा, बोला मृतका का बेटा SDM ने कहा लगा दो आग

कानपुर ज़िले के रूरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत मामले में पुलिस ने SDM मैथा,थानाध्यक्ष और लेखपाल समेत 39 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि SDM मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह, SO रूरा दिनेश गौतम के अलावा गांव के 4 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है जबकि 32 अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

उधर, गांव में तनाव के देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। मृतकों के जले हुए शव मौके पर पड़े हैं। परिजन और ग्रामीण मुख्यमंत्री अथवा उपमुख्यमंत्री को बुलाने और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। कानपुर देहात में बुधवार को अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान आग में जलकर मां बेटी की मौत हो गई थी। सूत्रों ने बताया कि कानपुर देहात के मैथा तहसील के मड़ौली गांव निवासी कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। सोमवार को उप जिलाधिकारी मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। आरोप है कि टीम ने जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया। इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (21) की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई। जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए। घटना की सूचना पर आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर सभी को शांत कराया।

उपजिलाधिकारी समेत 39 लोगों पर मुकदमा दर्ज

पीड़ितों के तहरीर के आधार पर उपजिलाधिकारी समेत 39 लोगों पर हत्या जैसी गम्भीर धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुकदमें में गांव के अशोक, अनिल, निर्मल , विशाल जेसीबी ड्राइबर दीपक के अलावा 10 से 12 सहयोगी जिनका नाम नहीं पता है, उपजिलाधिकारी मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद , कानूनगो, लेखपाल मंडौली अशोक सिंह, 3 अन्य लेखपाल थानाध्यक्ष रूरा दिनेश कुमार गौतम 12 से 15 महिलाएं जो अज्ञात हैं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

100 साल पहले से पूर्वजों की ओर से लगाए गए बगीचे की जगह पर मकान बनाकर रह रहे हैं’

मृतका प्रमिला दीक्षित के बड़े बेटे शिवम ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि उसका परिवार करीब 100 साल पहले से पूर्वजों की ओर से लगाए गए बगीचे की जगह पर मकान बनाकर रह रहा था। उसके मां, पिता, बहन व छोटा भाई अंश यहां रहते थे जबकि वह भी अपनी पत्नी के साथ कभी कभी यहां आकर रहता था। तहरीर में लिखा है कि 13 जनवरी को उसके मकान को एसडीएम मैथा के निर्देश पर लेखपाल ने गिरवा दिया था। इसका विरोध करने माती जाने पर डीएम व एडीएम ने भी उनकी नहीं सुनी और उन्हें वहां से भगा दिया था। इसके बाद सोमवार शाम 3 बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह, एसओ रूरा दिनेश गौतम 10 -15 महिला पुरुष पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर आ गए। उस वक्त परिवार झोपड़ी में आराम कर रहा था। यह लोग बिना सूचना दिए जेसीबी से झोपड़ी गिराने लगे। इनके साथ गांव के अशोक, अनिल, निर्मल, विशाल भी मौजूद थे।

मां व बहन के साथ झोपड़ी में बंधी 22 बकरियां जलकर राख हो गई- मृतक महिला का बेटा

इस दौरान एसडीएम ने कहा कि आग लगा दो कोई बचने न पाये, इस पर लेखपाल अशोक सिंह ने झोपड़ी में आग लगा दी। वह किसी तरह आग से बचकर बाहर निकला, तो एसओ रूरा ने उसे पकड़कर पीटने के साथ आग में झोकने की कोशिश की। वहीं, आग से उसके पिता कृष्ण गोपाल झुलस गए, जबकि उसकी मां व बहन के साथ झोपड़ी में बंधी उसकी 22 बकरियां जलकर राख हो गईं।

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