नई दिल्ली।स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री पर तंज करते हुए कहा है कि आज समाज को चमत्कार दिखाने वालो की ज़रूरत है,हमारे मठों में और घरों में जो दरारें पड़ गयी है जो चमत्कार से उन्हें दूर कर देगा हम उसके रास्ते मे फूल बिछाकर उसका स्वागत करेंगे लेकिन हम ऐसे किसी चमत्कार का समर्थन नही करेंगे जिसमे मानव जाति का कोई हित न हो।
शंकराचार्य ने यह भी कहा कि वेदों के अनुसार चमत्कार दिखाने वालो को मैं मान्यता देता हूं, लेकिन अपनी वाहवाही और चमत्कारी बनने की कोशिश करने वालों को मैं मान्यता नहीं देता. शंकराचार्य ने दिव्य दरबार लगाने को लेकर कहा कि देखिए भविष्य हमारे यहां ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फलादेश होता है. हमारे यहां जो ज्योतिष है वो त्रिस्तकंद माना गया है. उसमें एक होरा शास्त्र भी है. होरा शास्त्र का मतलब होता है जिससे जन्म कुंडली बनाई जाती है या प्रश्न कुंडली बनाई जाती है.
उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र के आधार पर अगर वहां कोई भविष्य बताया जा रहा है और वह शास्त्र की कसौटी पर है, तो हम उन्हें मान्यता देते हैं. हमारा कहना है कि जो भी धर्मगुरुओं की ओर से कहा जाए वो शास्त्र के कसौटी पर कसा हुआ होना चाहिए. मनमाना नही होना चाहिए. अगर किसी गुरु के मुख से निकल रही बात शास्त्र की कसौटी पर कसी हुई है तो उसे हम मान्यता देते हैं. मनमाना बोलने के लिए ना हम अधिकृत हैं और ना हम मनमाना कहते हैं.