रिपोर्ट- दिनेश कुमार प्रजापति
बिजनौर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है 7 महीने पूर्व नसबंदी हुई एक महिला के पेट में पल रहे 3 माह के बच्चे का ऑपरेशन कर दिया जिसको लेकर पीड़ित परिजनों ने जिले के आला अधिकारियों से शिकायत कर कानूनी कार्यवाही की मांग की है। पीड़ित परिवार की माने तो बिजनौर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर ने नसबंदी करने के दौरान दावा किया था।कि गर्भधारण नहीं होगा।लेकिन नसबंदी के बाद भी महिला के गर्भ धारण का हैरतअंगेज मामला देख डॉक्टरों के भी हाथ पांव फूल गए जिससे डॉक्टरों ने मामले में लीपापोती करते हुए गरीब महिला का ऑपरेशन कर दिया जिससे नाराज पीड़ित परिजनों ने जिले के उच्चअधिकारी से शिकायत करने की बात बयां की है।
दरअसल बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव भगवानपुर निवासी गौतम ने अपनी पत्नी मीनाक्षी का 7 माह पूर्व से स्योहारा सीएससी पर नसबंदी कराई थी। नसबंदी के दौरान स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने गर्भधारण ना होने का दावा किया था।लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के द्वारा की गई नसबंदी पूरी तरह से फेल हो गई। और महिला को गर्भधारण हो गया। इतना ही नहीं महिला इसकी शिकायत करने जब सीएससी पहुंची तो उन्होंने बिजनौर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
अस्पताल में डॉक्टर से अपने दुख का रोना रो रही महिला को डांट फटकार कर जबरन अस्पताल की सीएमएस प्रभा ने महिला का ऑपरेशन कर दिया। हद तो तब हो गई जब जिला महिला अस्पताल की सीएमएस प्रभा ने 3 माह के बच्चे का ऑपरेशन कर बच्चे के बाप के हाथ में दे दिया और उसको कहीं भी फेंकने के लिए बोल दिया। इतना ही नहीं मरीज के साथ आई आशा कार्यकत्री ने भी डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। एक और भ्रूण हत्या को लेकर सरकार सख्त है दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर ही भ्रूण हत्या जैसी घटना को अंजाम दे रहे हैं। फिलहाल इस मामले में पीड़ित महिला के पति गौतम ने उच्चअधिकारी से शिकायत कर लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।