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आधी रात को उठाकर मुस्लिम भाईयों को सेहरी के लिए जगाते हैं पंडित व्यास जी

आज भी हमारे देश में पंडित विलेश व्यास जी जैसे ज़िंदादिल और नेक लोग मौजूद है। जिन्हें देखकर आंखों में से खुशी की आँसू और दिल से दुआएं उबल पड़ती है।

म0प्र0 के शाजापुर में भाईचारे की अनूठी मिशाल पेश करते हुए पण्डित विलेश व्यास जी रमजान के मुबारक़ महिने में अपनी बाईक पर छोटा-सा लाउडस्पीकर टांगे तहज्जुद के वक़्त मुस्लिम बस्तियों में सेहरी के लिए जगाने निकल पड़ते है।

रात 2 बजे घर से निकलकर 4 बजे तक शहर भर में चक्कर लगाने के बाद ही व्यास जी सुस्ताते है।

व्यास जी को देखकर हर कोई उन्हें मुस्लिम समझ बैठता है। क्योंकि उनके बोलने का ख़ालिस उर्दू लहज़ा और सिर पर अदब से लगी टोपी उनमें और एक आम मुसलमान में कोई फर्क नहीं कर पाती। इंसानियत की जीती जागती मिसाल है पंडित जी ।

व्यास जी मुस्लिमों को सेहरी करने हेतु जगाने के लिए रोजाना शहर में निकल पड़ते है ।अपनी गाड़ी में पेट्रोल डलाएँ।रात में बेख़ौफ़ होकर सेहरी की मुनादी लगाकर घूमते व्यास जी इंसानियत और भाईचारे के साथ नेकी का भी पैग़ाम दे रहे है।

रमजान के महीने में आयतल कुर्सी की तिलावत करना बहुत ही फायदेमंद होता हैं।

हम व्यास जी को सलाम करते है -इंसानियत ज़िन्दाबाद

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