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पत्रकार ने बताया मुक़दमे को झूठा,उच्चाधिकारियों से लगाई न्याय की गुहार

ठाकुरद्वारा।भले ही चाहें सरकारें पत्रकारों के हितों की रक्षा की लाख बातें करती हों लेकिन अपनी भृष्ट कार्यशैली को छुपाने के लिए पत्रकारों को झूठे मुक़दमो मे फंसाने के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं, जिनसे ये साफ़ पता चलता है कि पत्रकार व उनके अधिकार कितने सुरक्षित हैं।

कुछ दिन पूर्व नगर निवासी एक यू-ट्यूबर पर हुए मुक़दमे के मामले मे नया मोड़ सामने आ गया है।पीड़ित पत्रकार ने उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर मामले को झूठा बताते हुए न्याय की गुहार लगायी है।

पीड़ित पत्रकार ने एक तरफ़ जहाँ सूबे के मुखिया व आईजी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया है वहीँ समाधान दिवस मे पेश होकर भी झूठे मुकदमे मे फसाए जाने का आरोप लगाया है।पीड़ित पत्रकार ने कहा है कि लम्बे समय से ट्रैफिक पुलिस द्वारा अवैध उगाही किए जाने की शिकायतें सामने आ रही थीं, जिससे सम्बंधित एक वीडियो प्रार्थी को मिली थी जिसमे साफ़ तौर पर पुलिसकर्मी एक कार वाले से अवैध उगाही करता नजर आ रहा है,पीड़ित का आरोप है कि उसने जब इस सम्बंध मे उक्त पुलिसकर्मी से जानकारी करनी चाही तो उसने कहा कि हमने नगद चालान भुगता है जबकि जिस व्यक्ति से पुलिसकर्मी ने रक़म वसूली थी उसपर कोई चलानी कार्यवाही नही की गई है।वहीँ पीड़ित पत्रकार का आरोप है कि उक्त पुलिसकर्मी ने अवैध उगाही की वीडियो अपने मोबाईल मे लेने को कहा जिसपर पीड़ित पत्रकार ने बिना किसी लालच के वह वीडियो उक्त पुलिसकर्मी को दे दी।

आरोप है कि उसी वीडियो को अपने मोबाईल मे दिखाकर उक्त पुलिसकर्मी पत्रकार पर धन वसूली की मांग करने का आरोप लगा रहा है।पीड़ित पत्रकार का कहना है कि प्रकरण के दौरान उक्त पुलिसकर्मी ने विभाग की छबि धूमिल होने का हवाला देते हुए ख़बर प्रकाशित न करने की अपील की थी जिसपर बिना किसी लालच के भविष्य मे इस प्रकार का कृत्य न करने की शर्त के साथ मामले को ख़त्म कर दिया था,जबकि प्रकरण के काफी समय बाद उक्त पुलिसकर्मी झूठे मामले मे फंसाया है।पीड़ित पत्रकार ने उच्चाधिकारियों से झूठे मुक़दमे को ख़त्म करने की गुहार लगायी है।

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