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जानलेवा बीमारियों से मचा हहाकार,आख़िर कौन है ज़िम्मेदार

ठाकुरद्वारा।नगर मे तेज़ी से पैर पसार रही जानलेवा बीमारियों के चलते स्थानीय लोगो मे दहशत व्यापत है।आलम ये ले कि अधिकांश लोग घर से निकलकर भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र मे जाते हुए कतरा रहे है।हाल ही मे जानलेवा बीमारियों की चपेट मे आकर हुई मौतों की पुष्टि के बाद लोगो का यह डर और बढ़ गया है।अस्पतालों मे मरीज़ों की लम्बी-लम्बी कतारें देखने को मिल रही हैं।अस्पतालों के बेड मरीज़ों से भरे दिखाई दे रहे हैं।

महंगाई के इस दौर मे एक तरफ़ जहाँ मध्यम वर्गीय परिवारो को जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है,ऐसे मे तेज़ी से पैर पसारती जानलेवा बीमारियो पर होने वाला ख़र्च लोगो की कमर तोड़ने का काम कर रहा है।नगर के कई हिस्सों मे डेंगू,टाइफाईड,मलेरिया ने विकराल रूप ले लिया है,शायद ही ऐसा कोई परिवार हो जिसका कोई सदस्य इसकी गिरफ्त मे न हो,हाल ही मे बीमारी की चपेट मे आकर एक सभासद की पत्नी व एक बिजली मैकेनिक की मौत ने लोगो मे बीमारी का डर पैदा कर दिया है।लोग नगर मे फैल रही जानलेवा बीमारी के लिए नगर की नाली व नालों मे फैली गंदगी को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं।लोगो का कहना है कि खाली पड़े प्लाटों मे बरसाती पानी मे ज़हरीले मच्छर व कीड़े पल गए हैं और उन्ही के कारण तेज़ी से बीमारी फेल रही है जबकि नगर के कुछ हिस्सों मे नाली व नालों मे जमा गन्दगी के चलते बीमारी फैल रही है।हालांकि ऐसा भी नही है कि नगर पालिका इसके लिए कोई प्रयास नही कर रही लेकिन स्थानीय लोगो का मानना है कि नगर पालिका का प्रयास नाकाफ़ी है और पालिका को नगर को स्वच्छ बनाने व एंटी लार्वा का छिड़काव करने मे और तेज़ी लानी होगी,क्योकि अभी नगर के ऐसे कई वार्ड के जहाँ एंटी लार्वा का छिड़काव नही किया गया है जबकि बीमारी तेज़ी से अपने पैर पसार रही है।

समाजसेवी उठा रहे सवाल

भाजपा नेता शिवेंद्र बंधु गुप्ता ने एसडीएम से मिलकर स्थिति से अवगत कराते हुए नगर मे बेहतर सफाई व्यवस्था की मांग की है,उन्होंने एसडीएम को बताया कि बरसाती मौसम के बाद फैली गंदगी से नगर मे बीमारिया फैल रही हैं, उधर पूर्व सभासद व समाजसेवी राजेन्द्र पाण्ड्य ने भी नगर की स्थिति से पत्राचार व पोर्टल के माध्यम से सूबे के मुखिया सीएम योगी को भी अवगत कराया है।उनका कहना है कि एक तरफ़ जहाँ बीमारिया ग़रीब जनता की कमर तोड़ रही है तो वहीँ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते पीड़ित लोगों तक सरकारी योजना का लाभ नही पहुँच पा रहा है,सरकारी अस्पताल मे डेंगू की जांच की व्यवस्था नही है न ही उचित उपचार मिल पा रहा है।ऐसे मे प्राईवेट अस्पतालों की मोटी फ़ीस का भार गरीब जनता की जेब पर पड़ रहा है।

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